
RRR फिल्म ने कमाई के रिकॉर्ड तोड़ डाले। अभी कुछ दिन पहले ही THE Kashmir File रिलीज हुई है। मीडिया, बहुत सारे नेता और यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी जी खुद जनता को फिल्म देखने के लिए कह रहे हैं कि इतने सालों तक यह सच छिपा रहा लेकिन समाधान के लिए कोई कानून नहीं छाप रहे।
समाधान जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं।
RRR फिल्म में जनता की जान-माल, परिवार और संपत्ति की सुरक्षा के लिए बंदूक की महत्ता के बारे में यह फिल्म जानकारी दे रहा है लेकिन यह बात कोई मीडिया ,इस न्यूज़ लिंक को पढ़ सकते हैं ऐसी कोई जानकारी नहीं दे रहा।
भविष्य में कभी भी कश्मीर जैसी घटना दोबारा हो सकती है उससे बचने के लिए समाधान ?
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कश्मीर में जो घटना हुई थी उसका मुख्य कारण यह था कि कश्मीरी पंडित हथियार विहीन थे, अगर कश्मीरी पंडितों के पास हथियार होते तो उनका इतने बड़े पैमाने पर नरसंहार ना हुआ होता और ना ही उन्हें पलायन करना पड़ता, और ना ही इतनी बड़ी घटना होने वाली थी ।
हमें #GunLawReferendum इस कानून की जरूरत क्यों है ?
(1) = बाह्य आक्रमण :- हथियारबंद नागरिक समाज लोकतंत्र की जननी है। प्रत्येक नागरिक का शस्त्रधारी होना राज्य को इतनी शक्ति प्रदान कर देता है कि सेना के हारने के बावजूद वे खुद की एवं अपने राज्य की रक्षा कर पाते है।
- हिटलर ने स्विट्जर्लेड पर हमला करने की योजना को इसीलिए स्थगित कर दिया था, क्योंकि तब सभी स्विस नागरिको के पास बंदूक थी। जब प्रत्येक नागरिक के पास बंदूक होती है तो इसे सेना द्वारा हराया नहीं जा सकता, और न ही राज्य पर पूरी तरह कंट्रोल लिया जा सकता है।
- प्रत्येक अफगान के पास बंदूक होने के कारण अमेरिका, ब्रिटेन और रूस भी कई वर्षों तक चली लड़ाइयो के बावजूद अफगानिस्तान पर कभी भी पूरी तरह से नियंत्रण नहीं बना सके।
- विएतनाम अमेरिका से 20 वर्षों तक लड़ने में इसीलिए कामयाब रहा क्योंकि सेना के हारने के बाद यह युद्ध वहां के नागरिक लड़ रहे थे। सोवियत रूस ने नागरिको को हथियार भेजे और वे अपने देश की रक्षा कर पाए।
- ब्रिटिश भारत पर 200 वर्षों तक इसीलिए शासन कर पाए क्योंकि भारत के नागरिक हथियार विहीन थे। गोरो के पास सिर्फ 1 लाख बंदूके थे, और इन 1 लाख बन्दूको के माध्यम से उन्होंने 60 करोड़ नागरिको पर शासन किया। यदि सिर्फ 1% यानी 60 लाख भारतीयों के पास बंदूक होती तो ब्रिटिश भारत को नियंत्रित नहीं कर पाते।
यदि आज भारत का चीन से युद्ध हो जाता है, और अमेरिका हमें हथियारों की मदद देने से इनकार कर देता, या हमें देरी से हथियार भेजता है, तो हथियारो के अभाव में ज्यादातर से भी ज्यादा सम्भावना है कि हमारी सेना रूपी दीवार दीवार टूट जायेगी। और एक बाद यदि हमारी सीमाओं में सेना घुस आती है तो नागरिको के पास प्रतिरोध करने के लिए कोई हथियार नहीं है। तब हमारी अवस्था ईराक जैसी हो जायेगी। ऐसे संभावित संकट से बचने के लिए यह क़ानून जरुरी है।
(2) = आंतरिक आक्रमण :- प्रत्येक नागरिक के पास बंदूक होने से आन्तरिक स्तर पर भी देश काफी हद तक सुरक्षित हो जाता है, और विभिन्न अपराधो में कमी आती है।
- कसाब दर्जनों नागरिको को इसीलिए मार सका था। क्योंकि नागरिको के पास हथियार नहीं थे। यदि मुम्बई वासियों के पास बंदूक होती तो कसाब आ नहीं पाता, और आ भी जाता तो 5-7 लोगो से ज्यादा को नहीं मार पाता। और आगे भी यदि इस तरह के हमले बड़े पैमाने पर होने लगते है तो हमारे पास कोई उपाय नहीं है।
- सिर्फ 2000 हथियारबंद इस्लामिक आतंकियों के दस्ते ने 2 लाख कश्मीरी पंडितो को घाटी से खदेड़ दिया था। यदि कश्मीरी पंडितो के पास बंदूके होती, तो उन्हें कभी पलायन नहीं करना पड़ता।
- 2012 में असम के कोकराझार में सिर्फ 4000 हथियारबंद मुस्लिम बांग्लादेशी घुसपेठियो ने हमला करके 2 लाख हिन्दु नागरिको को अपनी जमीन, संपत्ति आदि छोड़कर पलायन करने पर मजबूर कर दिया था। यदि सभी नागरिको के पास बंदूक होती तो उन्हें अपना घर बार छोड़कर भागना नहीं पड़ता।
- 1947 में विभाजन के दौरान भी 20 लाख हथियार विहीन हिन्दू नागरिको को अपनी जान-माल गंवाना पड़ा था। वजह यह थी कि सीधी कार्यवाही करने वाले पक्ष के पास हथियार थे, जबकि अन्य पक्ष के नागरिक हथियार विहीन थे। चूंकि सिक्खों के पास हथियार थे, अत: वे कुछ हद तक इसका प्रतिरोध कर पाए।
- भारत में निरंतर चुनाव होने, जनता का लोकतंत्र में विश्वास होने और सैनिको का सरकार पर भरोसा होने के कारण अब तक कभी तख्ता पलट नहीं हुआ है। किन्तु कोई विदेशी ताकत जैसे अमेरिका आदि भारत में तख्ता पलट करवाना चाहे तो वे कुछ ही महीनो में गृह युद्ध छिडवाकर, आतंकवादी हमले करवाकर, असुरक्षा का भाव उत्पन्न करके एवं राजनैतिक विकल्प हीनता दर्शा कर ऐसे हालात पैदा कर सकते है कि जनरल तख्ता पलट कर सकता है।
(3) = प्रभाव :-
- नक्सलवाद एवं संगठित अपराध की समस्या साल छह महीने में लगभग 70% तक कम हो जायेगी
- बलात्कार, लूट, डकैती , अपहरण आदि अपराधो में लगभग 70% की गिरावट आएगी।
- कसाब जैसे आतंकी हमलो में कमी आ जायेगी। और हमले होते भी है तो कम जनहानि होगी।
- सांप्रदायिक तनाव, एवं दंगो से सम्बधित हिंसा में कमी आएगी।
- भारत को अमेरिका, चीन या पाकिस्तान से होने वाले युद्ध का सामना नहीं करना पड़ेगा। और तब भी युद्ध होता है और यदि हमारी सेना रुपी दीवार टूट जाती है तो दुश्मन सेना कभी हमारी भूमि का अधिग्रहण नहीं कर पाएगी।
- भारत में बंदूक निर्माण की तकनीक का विकास होगा और हम इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जायेंगे।
- सरकारी अधिकारियो । नेताओं के व्यवहार में सुधार आएगा और दमन में भी कमी आएगी।
- सुदूरवर्ती एवं रिमोट एरिया में पुलिस द्वारा किये जा रहे दमन में कमी आएगी।
- भारत में कभी भी अन्य देशो की तरह तख्ता पलट न हो सकेगा। किसी दुश्मन देश के हमले की स्थिति में देश टोटल लोस से बच जाएगा।
(4) = बंदूके काफी महंगी है, लोग इन्हें खरीदेंगे कैसे ?
ब्रिटिश बंदूके देखकर भारतीय तकनीशियनों ने ऐसे डिजाइन का अविष्कार कर लिया था जो ब्रिटिश बन्दूको से बेहतर था। तब 1800 ई. में गोरो ने भारत के सभी बंदूक कारखानों का अधिग्रहण किया और बंदूक बनाने पर लाइसेंस नीति डाल दी। और लाइसेंस वे कभी देते नहीं थे। 1857 की क्रांति के बाद गोरो ने आर्स एक्ट बनाकर भारतीयों को हथियार धारण करने से भी प्रतिबंधित कर दिया था। इस कानून में बंदूक लगाने के कारखानों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया गया है, अत: बड़े पैमाने पर कारखाने लगना शुरू होंगे जिससे बेहतर एवं सस्ती बंदूके बनने लगेगी।
(5) = क्या भारतीयों को बंदूक देने से वे एक दुसरे को मार नहीं देंगे?
यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा खड़ी की गयी है ताकि नागरिको को हथियार विहीन रखने के लिए कन्विंस किया जा सके। वे एक तरफ़ा एवं चयनात्मक सूचनाओ का इस्तेमाल करके यह भ्रम खड़ा करते है। जब बंदूक की वजह से किसी की जान जाती है तो इसे बड़े पैमाने पर कवरेज दिया जाता है, किन्तु उन घटनाओ को छिपा लिया जाता है जब बंदूको ने नागरिको की रक्षा की। बहुधा पेड मीडिया अपराध की वजह को गलत तरीके से बंदूक से जोड़ देता है, जबकि अपराध की मूल वजह भिन्न होती है।
उदाहरण के लिए, कर्नाटक के कूर्ग जिले में लगभग 80% नागरिको के पास बंदूके है, किन्तु वहां पर गन क्राइम रेट सबसे कम कम है। कर्नाटक भी भारत में ही है, और यदि भारतीयों को बंदूक देने से वे एक दुसरे को मार देंगे तो अब तक कूर्ग में लोगो ने एक दुसरो को मार क्यों नहीं दिया। यह एक वास्तविक उदाहरण है जो यह सिद्ध करता है कि – “भारतीयों को बंदूक रखने का अधिकार देने से वे एक दुसरे को मार देंगे” नामक धारणा पूरी तरह से झूठ है, और पेड मीडिया द्वारा भारतीयों के दिमाग में डाली गयी है। और ज्यादातर भारतीय इस धारणा के शिकार इसीलिए है क्योंकि पेड मीडिया इस सूचना को छिपाता है कि, कूर्ग जिले के 80% नागरिको के पास पंजीकृत बंदूके है !! और इसी तर्ज पर बंदूक के बारे में सही सूचना देने वाली कई खबरें छिपायी जाती है, और भ्रमित करने वाली खबरों को उछाला जाता है !!
- बंदूक नहीं रखने का अधिकार देने का मतलब है अपराधीयों को बंदूक रखने की छूट देना। क्योंकि कानून में नहीं मानने वाले लोग अवैध रूप से बंदूक ले आयेंगे और क़ानून में मानने वाले लोग क़ानून का पालन करने के कारण बंदूक रखने से वंचित हो जाते है। और इस तरह अपराधी प्रवृति के लोगो की शक्ति बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए दाउद या छोटा राजन जैसे लोगो ने बंदूके जुटाई और पूरी मुंबई को गन पॉइंट पर नचाने लगे। बंदूक के अलावा उनके पास कुछ नहीं था। यदि सभी मुंबई निवासियों के पास बंदूक होती तो दाउद की बढ़त ख़त्म हो जाती है, और वह इतना बड़ा गैंग खड़ा नहीं कर पाता।
- बंदूक अच्छी या बुरी नहीं होती, बल्कि इसे चलाने वाला व्यक्ति अच्छा या बुरा होता है। आप अपने घर-परिवार एवं मोहल्ले में देखिये कि कितने लोग अपराधी मानसिकता के है, और कितने लोग कानून में मानने वाले है। 99% लोग क़ानून में मानने वाले होते है। और जब क़ानून में मानने वाले लोगो के हाथ में बंदूक जाती है तो यह अपराध नहीं करती, बल्कि अपराधियो से रक्षा करती है।
- यह एक तथ्य है कि अपराध गैर कानूनी बन्दूको से होते है, वैध बन्दूको से नहीं। यदि व्यक्ति के पास वैध बंदूक होगी तो वह उनसे अपराध नहीं कर पायेगा। यदि वह रजिस्टर्ड बंदूक से अपराध करता है तो तुरंत पकड़ा जाएगा।
- GunLaw शंका समाधान विडिओ लिंक
https://youtu.be/NuOlHwrOsCo
• इस क़ानून को गेजेट/राजपत्र में प्रकाशित करवाने के लिए आप क्या सहयोग कर सकते है ?
१] कृपया “ प्रधानमंत्री कार्यालय , दिल्ली” के पते पर पोस्टकार्ड लिखकर इस क़ानून की मांग करें।
पोस्टकार्ड में यह लिखे :-
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प्रधानमंत्री जी,
GunLaw का कानून राजपत्र मे छापे।
GunLawReferendum
२] यदि आपको पोस्टकार्ड नहीं मिल रहा है तो अंतर्देशीय पत्र (inland letter ) भी भेज सकते है।
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इस कानून की मांग उठाइए।
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GunLaw शंका समाधान विडिओ लिंक
https://youtu.be/NuOlHwrOsCo
GunLawReferendum Draft 👇👇
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